डिस्चार्ज दिनांक 19- 8-2020 को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस से पेमेंट लिया डिस्चार्ज बताकर लेकिन मिस्टर टंडन को दिनांक 25-8- 2020 को पीड़ित को सेल फोन पर सूचना दी कि 10ः00 बजे सुबह एक्सपायर हो गए मरे हुए व्यक्ति का इलाज कर रहा पर रीजेंसी हॉस्पिटल वही क्लेम दिनाक 19-8-2020 को बिल दिया बीमा कंपनी को 1456155 बाद में पीड़ित को दिनाक 25-8-2020 को बिल 1456155 का योजनाओं के अनुसार जिसका खुलासा दैनिक किदवई नगर समाचार करेगा योगी सरकार में अंधेर नगरी चौपट राजा
स्वरूप नगर स्थित कॉनकॉर्ड अपार्टमेंट में रहने वाले सतीश चंद टंडन जी 24 दिन पहले अपने पैर से स्वयं चलकर रीजेंसी गोविंद नगर अस्पताल भर्ती होने गए थे। उनकी कोविड की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पहले वह साधारण वार्ड में थे उसके
पश्चात अस्पताल वाले उन्हें आईसीयू में ले गए और फिर वेंटिलेटर पर उपचार करने लगे 24 दिन का बिल 1500000 रुपए बना दिया। जबकि वहां के ड्यूटी डॉक्टर ने 5 दिन पहले ही बोल दिया था कि इनके शरीर में कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है उसके बावजूद 5 दिन से लगातार बिल बनाते जा रहे हैं। शोभित टंडन जो कि उनका पुत्र है उसने बताया कि हम लोग 1100000 रुपए पेमेंट दे चुके हैं जब से पेमेंट देना बंद किया है तब से यह लोग ठीक से बात भी नहीं कर रहे हैं और पिछले 5 दिन से मेरे पिताजी के शरीर में कोई भी गतिविधि नहीं थी
उसके बावजूद यह लोग बताते रहे कि हमें डायलिसिस करनी है, हमें ब्लड चढ़ाना है और उनका उपचार करने की तरह-तरह की बातें बताते रहें और आज सवेरे 10ः00 बजे यह बताया कि अब सतीश चंद्र जी नहीं रहे उसके पश्चात बॉडी देने से इंकार कर रहे हैं और बार-बार कह रहे हैं कि पहले अपना 1500000 का पूरा भुगतान करिए जिससे घरवालों का रो रो कर बुरा हाल है घर वालों ने रीजेंसी अस्पताल के साथ प्रशासन से हाथ जोड़कर प्रार्थना की है कि हमारे पिताजी को हम लोग को हैंड ओवर किया जाए लेकिन रीजेंसी अस्पताल किसी कायदे कानून को नहीं मानता है यहां तक कि सरकार कह रही है कि 1 दिन का आईसीयू का बिल 18000 से ज्यादा नहीं होना चाहिए वही रीजेंसी हॉस्पिटल ने 1500000 का बिल बना कर दिया है। मृतक के घरवाले पहले ही शोकाकुल हैं इस बात से घरवालों का रो रो कर बुरा हाल है। इस मामले के बारे में डी0 आई0 जी0 कानपुर को भी अवगत करा दिया गया है और शव को लेने को लेकर घरवालों और अस्पताल प्रशासन में काफी तीखी बहस भी हुई परंतु अस्पताल पैसे के आगे कुछ भी सुनने को तैयार नही है।